शुक्रवार, अप्रैल 12, 2013

आया है अपना नव वर्ष।




आज उमंग तरंग है मन में,
आज खुशियां भरी है  तन में,
कह रहा है  कण कण आज,
आया है अपना नव वर्ष।

झूम रही है प्रकृति सारी,
लग रही है धरा स्वर्ग से प्यारी,
घर घर में पूजन हो रहा है,
आया है अपना नव वर्ष।

भर गए हैं  अन्न के भंडार,
हर तरफ है केवल बहार,
पतझड़ को कह के अलविदा,
आया है अपना नव वर्ष।

सजे  हैं मां के प्यारे दरवार,
जगदंबा की है कृपा अपार,
हो रही है सब पर कृपा की वर्षा,
आया है अपना नव वर्ष।


सब मिलकर नव वर्ष मनाना,
दिखावे के न इसे वस्त्र पहनाना,
ये वेदों का संदेश है लाया,
आया है अपना नव वर्ष।


नवसंवत 2070 की आप सब को हार्दिक शुभकामनाएं।