मंगलवार, सितंबर 22, 2015

हम दूर हो गये...

सोचा था
कुठ गीत लिखुंगा
आयेगा जब
समय सुहाना...
दिन बीते
बीत गये वर्ष
पर आज तक
न वो गीत लिखे...
चला एक दिन
चमन की ओर
पर चमन तब तक
उजड़ चुका था...
नींद में ही सही
हसीन ख्वाब  देखूं
पर रातों  को
कभी  नींद न आयी...
तुम्हारा हमारा
मिलन था तन का
मन मिले बिना ही
हम दूर हो गये...

2 टिप्‍पणियां:

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