सोमवार, अक्तूबर 23, 2017

हम भारत के मत दाता है....

हम भारत के मत दाता है....
हमारे पास मत देने का अधिकार
आज से नहीं त्रेता युग से है,
हमने तब भी
अपना मत दिया था
श्रीराम को राजा बनाने के लिये
"श्री राम हमारे राजा होंगे"
पर श्री राम को वनों में भेजा गया
हमने नहीं पूछा
तब भी राजा से
हमारे मत के अधिकार का क्या हुआ?
 हम भारत के मत दाता है....
हमारे पास मत देने का अधिकार
द्वापर में भी था
हमने सर्वमत से
युधिष्ठिर को राजा बनाया
पर शकुनी की एक चाल ने
द्युत खेल कर
पांचों पांडवों को वनवास भेज दिया।
हम महाभारत से युद्ध में
हाथी घोड़ों की तरह
मर सकते हैं,
पर राजा से
अपने मत के अधिकार के लिये
नहीं लड़ सकते।
 हम भारत के मत दाता है....
हैं तो हम बहुत भाग्यशाली
क्योंकि ये मत का अधिकार
आज भी हमारे पास हैं
शताबदियां बदल गयी
युग बदल गये
पर हम आज भी
नहीं बदले,
क्योंकि हम अपना मत देकर
आज भी नहीं पूछते
हमारे मत का क्या हुआ?

सोमवार, अक्तूबर 16, 2017

हम  जलाएंगे  दीपक करेंगे  प्रकाश, तुम्हारे लिये....

तुम बिन पिताजी
अब हम कैसे मनाएंगे दिवाली
अपने हाठों से लाई मिठाई
खाने में वो आनंद नहीं आएगा....
पर इस दिवाली पर भी,
हम  जलाएंगे  दीपक
करेंगे  प्रकाश,
तुम्हारे लिये....
हम  जानते हैं
तुम्हे अपने  घर में
फैला हुआ अंधकार
अच्छा नहीं लगेगा...
हम  ये भी जानते हैं
तुम आओगे
किसी न किसी रूप में
हमारे साथ दिवाली मनाने....
न सजा पाएंगे घर को,
न बन सकेंगे वो पकवान
आहत मन से ही सही
 एक दीपक अवश्य जलाएंगे....